नई दिल्ली, 9 जून: दिल्ली की एक अदालत ने एक याचिका पर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (एआईसीसी) को नोटिस भेजा। याचिका में आरोप लगाया गया है कि एआईसीसी ने अनुचित तरीके से 44 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया है, जो वहां दशकों से काम कर रहे थे।
श्रम अदालत के पीठासीन अधिकारी चंदर गुप्ता ने एआईसीसी को नोटिस जारी करते हुए 16 अगस्त तक इसका जवाब मांगा है। अदालत ने इस सप्ताह के शुरू में सुधा गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस भेजा, जो एआईसीसी में 1978 से टेलीफोन आॅपरेटर के रूप में काम कर रही थी। उसे 31 जुलाई 2010 को बर्खास्त कर दिया गया। अदालत ने 10-12 ऐसी याचिकाओं को संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी की। सुधा गुप्ता की याचिका में कहा गया कि ‘‘सुनने में आ रहा है कि पार्टी के नए महासचिव राहुल गांधी के मन में एक नया खयाल आया है कि वह कार्यालय में नए और स्मार्ट चेहरे वाले कर्मचारियों को नियुक्त कर पार्टी कार्यालय को एक आदर्श पार्टी कार्यालय बनाएंगे। इसलिए कुछ पुराने चेहरों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।’’ इस याचिका पर इस सप्ताह के शुरू में सुनवाई की गई। याचिका में कहा गया कि लगभग 44 लोगों को स्वेच्छिक सेवानिवृत्त लेने के लिए दबाव दिया गया। विरोध करने वालों को धमकाया गया। इसमें कहा गया है कि प्रबंधन 44 कर्मचारियों को मुआवजा देने पर सहमत हुआ है, लेकिन इसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
श्रम अदालत के पीठासीन अधिकारी चंदर गुप्ता ने एआईसीसी को नोटिस जारी करते हुए 16 अगस्त तक इसका जवाब मांगा है। अदालत ने इस सप्ताह के शुरू में सुधा गुप्ता की याचिका पर सुनवाई करते हुए नोटिस भेजा, जो एआईसीसी में 1978 से टेलीफोन आॅपरेटर के रूप में काम कर रही थी। उसे 31 जुलाई 2010 को बर्खास्त कर दिया गया। अदालत ने 10-12 ऐसी याचिकाओं को संज्ञान लेते हुए नोटिस जारी की। सुधा गुप्ता की याचिका में कहा गया कि ‘‘सुनने में आ रहा है कि पार्टी के नए महासचिव राहुल गांधी के मन में एक नया खयाल आया है कि वह कार्यालय में नए और स्मार्ट चेहरे वाले कर्मचारियों को नियुक्त कर पार्टी कार्यालय को एक आदर्श पार्टी कार्यालय बनाएंगे। इसलिए कुछ पुराने चेहरों को नौकरी से हाथ धोना पड़ेगा।’’ इस याचिका पर इस सप्ताह के शुरू में सुनवाई की गई। याचिका में कहा गया कि लगभग 44 लोगों को स्वेच्छिक सेवानिवृत्त लेने के लिए दबाव दिया गया। विरोध करने वालों को धमकाया गया। इसमें कहा गया है कि प्रबंधन 44 कर्मचारियों को मुआवजा देने पर सहमत हुआ है, लेकिन इसका भुगतान अभी तक नहीं हुआ है।
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