नयी दिल्ली, 10 जून : मालिकों के दबाव में वेतनबोर्ड लागू करने में हो रही देर से नाराज पत्रकारों ने आज यहां श्रम मंत्रालय और अखबार मालिकों के संगठन आईएनएस के समक्ष विरोध प्रदर्शन करते हुए सरकार को चेतावनी दी कि अगर 16 जून तक इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की गई तो वे देशव्यापी हडताल प्रदर्शन करेंगे। वेतनबोर्ड लागू करने की मांग को लेकर तख्तियां और बैनर लिए हजारों की संख्या में आईएनएस के समक्ष एकत्र पत्रकारों और गैर.पत्रकारों ने मालिकों की इस दलील को झूठ बताया कि इसे लागू होने से अखबार उद्योग कठिनाई में आ जायेगा। अखबारी कर्मचारियों के महासंघों के शीर्ष संगठन कान्फेडरेशन आॅफ न्यूजपेपर्स एडं न्यूज एजेंसी एम्प्लायज यूनियन्स के महासचिव एम एस यादव ने कहा, ै यह एक तथ्य है कि हर बार वेतनबोर्ड के बाद अखबार मालिकों की कमाई में बढोतरी ही हुई है। उन्होंने कहा कि पिछले 15 वर्षो में अखबारों के मुनाफे में अंधाधुंध वृद्धि हुई है जबकि पत्रकारों और गैर.पत्रकारों के वेतन में बेहद मामूली वृद्धि हुई है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 16 जून तक वेतनबोर्ड की सिफारिशों संबंधी अधिसूचना जारी नहीं की गई तो पत्रकार और गैर.पत्रकार देश भर में बडे पैमाने पर धरना, विरोध प्रदर्शन और हडताल करेंगे।
भोपाल के पत्रकारों ने मजीठिया वेतनबोर्ड को लागू करवाने के लिए किया प्रदर्शन
भोपाल : 10 जून: पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों के लिए केन्द्र सरकार द्वारा गठित मजीठिया वेतनबोर्ड की सिफारिशों को लागू करने में किए जा रहे विलंब से क्षुब्ध पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों ने आज यहां विरोध प्रदर्शन किया। पीटीआई वर्कर्स यूनियन भोपाल इकाई ने कुछ स्थानीय श्रमजीवी पत्रकार संगठनों के साथ मिलकर आज यहां प्रदर्शन कर केन्द्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। फेडरेशन आफ पीटीआई एम्पलाइज यूनियन्स के काउंसिल सदस्य मनीष श्रीवास्तव एवं भोपाल इकाई महासचिव एम एस हसन ने इस अवसर पर कहा कि मालिकों के दबाव में वेतनबोर्ड लागू करने में हो रहे विलंब से पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों में आक्रोश है। उन्होंने कहा कि देश में महंगाई तेजी से बढी है और इस समय पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों को जो वेतन मिल रहा है, उसे दस साल पहले तय किया गया था, जबकि इस बीच केन्द्र एवं राज्य सरकार के अधिकारियों एवं कर्मचारियों का वेतन कई बार बढाया जा चुका है । श्रीवास्तव एवं हसन ने कहा कि यदि 16 जून तक इस संबंध में अधिसूचना जारी नहीं की गई तो पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों की देशव्यापी हडताल एवं प्रदर्शन होगा। वेतनबोर्ड लागू करने की मांग को लेकर तख्तियां लिए यहां पत्रकार भवन के समक्ष मौजूद इन पत्रकारों एवं गैर पत्रकारों ने मालिकों की इस दलील को झूठ बताया कि इसे लागू होने से अखबार उद्योग कठिनाई में आ जायेगा । उन्होंने कहा कि सचाई यह है कि पिछले 15 वर्षों में अखबारों के मुनाफे में अंधाधुंध वृद्धि हुई है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें