नयी दिल्ली, ७ जून : देश की सबसे बडी कार निर्माता कंपनी मारूति सुजुकी इंडिया :एमएसआई: ने ७ जून को कहा कि अगर उसके मानेसर संयंत्र में हडताल लंबी खिंचती है तो उसकी बिक्री प्रभावित हो सकती है। मानेसर संयंत्र में श्रमिकों की हडताल का आज चौथा दिन है और कंपनी को पहले ही करीब 3,000 कारों के उत्पादन का नुकसान हो चुका है। यद्यपि कंपनी गतिरोध दूर करने के प्रयास कर रही है, हरियाणा की श्रम आयुक्त ने हडताल को अनुचित करार देते हुए 11 कर्मचारियों को बर्खास्त करने के कंपनी के निर्णय का भी समर्थन किया।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने प्रेट्र को बताया, अगर यह हडताल लंबे समय तक जारी रहती है तो इससे हमारी बिक्री प्रभावित होगी और साथ ही हमारी डीजल कारों के लिए प्रतीक्षा अवधि बढेगी। मानेसर संयंत्र दो पालियों में प्रतिदिन करीब 1,200 कारों का विनिर्माण करती है। इस कारखाने में स्विफ्ट और ए..स्टार के अलावा, सेडान डिजायर एवं एसएक्स4 का विनिर्माण किया जाता है। जहां, स्विफ्ट और डिजायर के डीजल संस्करण के लिए ग्राहकों को इस समय तीन से चार महीने तक इंतजार करना पड रहा है, वहीं एसएक्स4 के लिए प्रतीक्षा अवधि डेढ महीने की है।
भार्गव ने कहा, अगर हडताल लंबी खिंचती है तो इससे निर्यात भी प्रभावित होने की आशंका है। गतिरोध अब भी बना हुआ है। मारूति सुजुकी ने कल अन्य कर्मचारियों को हडताल के उकसाने के आरोप में 11 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। मानेसर कारखाने के करीब 2,000 कर्मचारी शनिवार से हडताल पर है. कंपनी को इस हडताल से हुए नुकसान के बारे में मारुति सुजुकी के एक प्रवक्ता ने कहा, स्थिति कल की तरह ही बनी हुई है... शनिवार से अब तक करीब 3,000 कारों का उत्पादन नहीं हुआ। उद्योग के अनुमानों के मुताबिक, नुकसान का मूल्य करीब 150 करोड रुपये है। इस बीच, हरियाणा की श्रम आयुक्त सतवंती अहलावत ने 11 कर्मचारियों को
बर्खास्त करने के कंपनी के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि कंपनी कारखाना परिसर में अनुशासनहीनता करने वाले किसी भी कर्मचारी को बर्खास्त करने का अधिकार रखती है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन एवं कर्मचारियों के बीच गतिरोध कंपनी का आंतरिक मामला है, लेकिन कर्मचारी नयी यूनियन का गठन कर सकते हंै जिसके लिए कानून है... हालांकि नयी यूनियन के लिए कर्मचारियों की हडताल सही कदम नहीं है।
मारुति सुजुकी इंडिया के चेयरमैन आर.सी. भार्गव ने प्रेट्र को बताया, अगर यह हडताल लंबे समय तक जारी रहती है तो इससे हमारी बिक्री प्रभावित होगी और साथ ही हमारी डीजल कारों के लिए प्रतीक्षा अवधि बढेगी। मानेसर संयंत्र दो पालियों में प्रतिदिन करीब 1,200 कारों का विनिर्माण करती है। इस कारखाने में स्विफ्ट और ए..स्टार के अलावा, सेडान डिजायर एवं एसएक्स4 का विनिर्माण किया जाता है। जहां, स्विफ्ट और डिजायर के डीजल संस्करण के लिए ग्राहकों को इस समय तीन से चार महीने तक इंतजार करना पड रहा है, वहीं एसएक्स4 के लिए प्रतीक्षा अवधि डेढ महीने की है।
भार्गव ने कहा, अगर हडताल लंबी खिंचती है तो इससे निर्यात भी प्रभावित होने की आशंका है। गतिरोध अब भी बना हुआ है। मारूति सुजुकी ने कल अन्य कर्मचारियों को हडताल के उकसाने के आरोप में 11 कर्मचारियों को बर्खास्त कर दिया। मानेसर कारखाने के करीब 2,000 कर्मचारी शनिवार से हडताल पर है. कंपनी को इस हडताल से हुए नुकसान के बारे में मारुति सुजुकी के एक प्रवक्ता ने कहा, स्थिति कल की तरह ही बनी हुई है... शनिवार से अब तक करीब 3,000 कारों का उत्पादन नहीं हुआ। उद्योग के अनुमानों के मुताबिक, नुकसान का मूल्य करीब 150 करोड रुपये है। इस बीच, हरियाणा की श्रम आयुक्त सतवंती अहलावत ने 11 कर्मचारियों को
बर्खास्त करने के कंपनी के निर्णय का समर्थन करते हुए कहा कि कंपनी कारखाना परिसर में अनुशासनहीनता करने वाले किसी भी कर्मचारी को बर्खास्त करने का अधिकार रखती है। उन्होंने कहा कि प्रबंधन एवं कर्मचारियों के बीच गतिरोध कंपनी का आंतरिक मामला है, लेकिन कर्मचारी नयी यूनियन का गठन कर सकते हंै जिसके लिए कानून है... हालांकि नयी यूनियन के लिए कर्मचारियों की हडताल सही कदम नहीं है।
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