गुडगांव-मानेसर औद्योगिक क्षेत्र की विभिन्न कंपनियों के कर्मचारी मारुति सुजुकी में जारी आंदोलन के समर्थन में मंगलवार को दो घंटे टूलडाउन हडताल करेंगे। इस हडताल का आह्वान आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस :एटक: ने किया है। उल्लेखनीय है कि मारुति सुजुकी के मानेसर कारखाने में कई दिन से हडताल चल रही है। जानकार सूत्रों का कहना है कि कंपनी ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह निकाले गए 11 कर्मचारियों को वापस नहीं लेगी। सूत्रों के अनुसार समझा जाता है कि कंपनी ने अपने विभिन्न कारखानों में कर्मचारियों के प्रतिनिधियों की गवर्निंग काउंसिल गठित करने का प्रस्ताव किया है जो कंपनी की नीति तय करने में भाग लेगी ताकि भविष्य में श्रमिक असंतोष नहीं हो। एटक सचिव डी एच सचदेव ने पीटीआई से कहा, गुडगांव-मानेसर क्षेत्र के विभिन्न कारखानों में कल आम सभाएं होंगी। मंगलवार को, क्षेत्र के 60-65 कारखानों में दो घंटे की टूलडाउन हडताल होगी। सचदेव तथा एटक के महासचिव गुरुदास दासगुप्ता ने मारुति के कारखाने में हडताल के संदर्भ में बीते सप्ताह दो बार मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की थी। हीरो होंडा, होंडा मोटरसाइकिल एंड स्कूटर इंडिया, रीको आटो सहित कई कंपनियों की ट्रेड यूनियनें मारुति की हडताल का समर्थन कर रही हैं। मारुति के मानेसर स्थित कारखाने के लगभग 2,000 कर्मचारियों ने चार जून को हडताल शुरू की थी। इनकी मांगों में मारुति सुजूकी इम्पलाइज यूनियन को मंजूरी देना भी शामिल है। कंपनी ने 11 कर्मचारियों को निकाल दिया जिनकी बहाली भी हडतालियों की मांग में आ गई है। सूत्रों ने बताया, े कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों को बहाल करने का सवाल ही नहीं है। इसके अलावा कंपनी काम नहीं-वेतन नहीं की नीति लागू करेगी। कल हडताल का आठवां दिन था और इससे कंपनी को 390 करोड रुपये या 7,800 वाहनों के उत्पादन का नुकसान हो चुका है। इस बीच, मारुति सुजुकी इम्पलाइज यूनियन के महासचिव शिव कुमार ने दावा किया है कंपनी प्रबंधन पांच कर्मचारियों को वापस लेने पर राजी हो गया है। लेकिन यूनियन सभी 11 कर्मचारियों को बहाल करने की मांग कर रही है।
मारुति कर्मचारियों की सभी बर्खास्त सहयोगियों को बहाल करने की मांग
नयी दिल्ली, 12 जून : मारुति सुजुकी ने अपने मानेसर कारखाने में सप्ताह भर से जारी हडताल में पहली बार नरमी का रुख दिखाते हुए आज कहा कि वह नयी यूनियन को मान्यता देने की इच्छा रखती है। वहीं हडताली कर्मचारियों ने भी कहा है कि अगर उनके 11 बर्खास्त सहयोगियों को बहाल कर दिया जाता है तो वे काम पर लौटने की मंशा रखते हैं। मारति सुजुकी के प्रबंध कार्याधिकारी : प्रशासन : एस वाई सिद्दकी ने कहा, े एक संभावना यह है कि हर कारखाने की अपनी यूनियन और एक गवर्निंग काउंसिल हो। इस काउंसिल में स्थानीय कारखानों की यूनियनों से प्रतिनिधि लिए जाएं। ऐसा समझा जाता है कि गवर्निंग काउंसिल कंपनी की भावी नीतियों को तैयार करने में भाग लेगी ताकि भविष्य में कर्मचारियों के असंतोष का सामना नहीं करना पडे। कंपनी ने निकाले गए कर्मचारियों के बारे में चुप्पी साधी है जबकि जानकार सूत्रों के अनुसार इन्हें वापस लिए जाने की संभावना नहीं है। मारुति सुजुकी इम्पलाइज यूयिन के महासचिव शिवकुमार ने दावा किया है कि कंपनी प्रबंधन 11 में से पांच कर्मचारियों को वापस लेने को तैयार हो गया है। लेकिन यूनियन चाहती है कि सभी कर्मचारियों को वापस लिया जाये। कुमार ने कहा, अगर वे :प्रबंधन: पांच कर्मचारियों को वापस ले सकते हैं तो 11 को क्यों नहीं? अगर सभी को बहाल किया जाता है तो हम हडताल समाप्त करने की इच्छा रखते हैं। इस बीच आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस :एटक: ने मारुति सुजूकी में जारी आंदोनल के समर्थन में मंगलवार को दो घंटे टूलडाउन हडताल का आह्वान किया है। एटक सचिव डी एल सचदेव ने पीटीआई से कहा, े गुडगांव-मानेसर क्षेत्र के विभिन्न कारखानों में कल आम सभाएं होंगी। मंगलवार को, क्षेत्र के 60-65 कारखानों में दो घंटे की टूलडाउन हडताल होगी। सचदेव तथा एटक के महासचिव गुरुदास दासगुप्ता ने मारुति के कारखाने में हडताल के संदर्भ में बीते सप्ताह दो बार मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा से मुलाकात की थी। हीरो होंडा, होंडा मोटरसाइकिल एंड सकूटर इंडिया, रीको आटो सहित अनेक कंपनियों की ट्रेड यूनियनें मारुति की हडताल का समर्थन कर रही हैं। मारुति के मानेसर स्थित कारखाने के लगभग 2,000 कर्मचारियों ने चार जून को हडताल शुरू की थी। इनकी मांगों में मारुति सुजुकी इम्पलाइज यूनियन को मंजूरी देना भी शामिल है। कंपनी ने 11 कर्मचारियों को निकाल दिया जिनकी बहाली भी हडतालियों की मांग में आ गई है। सूत्रों ने बताया, कंपनी ने स्पष्ट कर दिया है कि कर्मचारियों को बहाल करने का सवाल ही नहीं है। इसके अलावा कंपनी काम नहीं-वेतन नहीं की नीति लागू करेगी। कल हडताल का आठवां दिन था और इससे कंपनी को 390 करोड रुपये या 7,800 वाहनों का उत्पादन नुकसान हो चुका है।
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