समाजिक कामों का दावा करने वाली एक संस्था के खिलाफ नागरिकों की गंभीर शिकायतों पर लखनऊ में 21 अप्रैल, 2013 को एक सभा एवं जन सुनवाई आयोजित की गयी। इस सभा में उक्त संस्था के उत्पीड़न के शिकार कई नागरिकों ने सबके सामने प्रमाण सहित अपनी व्यथा रखी। इन नागरिकों की बातों में मुख्य रूप से शशि प्रकाश, कात्यायनी, राम बाबू और सत्यम का नाम लिया गया। यह भी तथ्य सामने आया कि ये लोग जनचेतना, राहुल फाउंडेशन तथा कई अन्य नामों से ट्रस्ट एवं सोसाइटी चलाते हैं। इन पर नागरिकों के मकानों पर अवैध कब्जा करने, लोगों को झूठे मुकदमों में फंसाने, सामाजिक कामों में लगे लोगों की एकता तोड़ने और सामाजिक कामों को व्यवसाय बना देने के बारे में लोगों ने बाते कहीं।
सभा में उपस्थित सामाजिक कार्यकताओं ने नागरिकों की इन बातों को बहुत गंभीरता से लिया। इन कार्यकताओं ने अपनी बातों में कहा कि इनके गलत कामों से सामाजिक कार्यो में लगे सभी लोगों की छवि को नुकसान पहुंचा है और समाज में उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्न पैदा हो रहा है। यह प्रवृत्ति सामाजिक कार्यों के लिए बेहद नुकसानदेह है और इससे समाज विरोधी शक्तियों को ताकत मिल रही है। यह काम शहीद भगत सिंह, शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी, प्रेमचंद, गोर्की, टाल्सटाय, बालजाक, राहुल सांकृत्यायन, निराला आदि के नाम पर किया जा रहा है, इसलिए यह और भी खतरनाक मामला है। मानव जाति के इन महान व्यक्तियों के नाम पर गलत काम करना एक समाज-विरोधी कार्य है। बैठक में उपस्थित लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया।
सभा ने आम सहमति से निम्नलिखित प्रस्ताव लिए-
1. उक्त लोगों ने आम नागरिकों के खिलाफ जो पुलिस केस और मुकदमे कर रखे हैं, उन्हे वापस लें।
2. दिवंगत शालिनी, जो इनकी संस्था में काम करती थी, जिनकी समय पर इलाज न होने के कारण असामयिक मृत्यु हो गयी, उनकी पिछले दो वर्षों की मेडिकल रिपोर्ट उनके माता-पिता को उपलब्ध कराएं।
3. अंजुलिका, मधुलिका (डी-68, निराजा नगर, लखनऊ), अर्चना, अंजना (515/69, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड, लखनऊ), अंजू (69ए, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड लखनऊ), प्रीति (69बी, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड, लखनऊ) के मकानों पर से ये अपना अवैध कब्जा तुरंत हटाएं और इससे संबंधित मुकदमों को वापस लें।
4. इनके विश्वासघात से दिवंगत कमला पांडेय, दिवंगत बीडी सक्सेना, दिवंगत शालिनी, दिवंगत विश्वनाथ मिश्र को जो तकलीफ पहुंची है, उसके लिए ये सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें।
5. दिवंगत शालिनी के नाम से जारी तथा अन्य द्वारा लिखित वसीयतनामा, इनका बेहद संवेदनहीन एवं अमानवीय कुकृत्य है। यह एक समर्पित कार्यकर्ता की मृत्यु पर की जाने वाली कुटिल राजनीति है और सभी संवेदनशील नागरिकों का अपमान है। इसके लिए ये सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें।
संपर्क:
सत्येन्द्र कुमार
एस-12, नीलगिरी काम्प्लेक्स
फैजाबाद रोड, इंदिरा नगर,
लखनऊ-226016
मो.नं. 09415319070
सभा में उपस्थित सामाजिक कार्यकताओं ने नागरिकों की इन बातों को बहुत गंभीरता से लिया। इन कार्यकताओं ने अपनी बातों में कहा कि इनके गलत कामों से सामाजिक कार्यो में लगे सभी लोगों की छवि को नुकसान पहुंचा है और समाज में उनकी विश्वसनीयता पर प्रश्न पैदा हो रहा है। यह प्रवृत्ति सामाजिक कार्यों के लिए बेहद नुकसानदेह है और इससे समाज विरोधी शक्तियों को ताकत मिल रही है। यह काम शहीद भगत सिंह, शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी, प्रेमचंद, गोर्की, टाल्सटाय, बालजाक, राहुल सांकृत्यायन, निराला आदि के नाम पर किया जा रहा है, इसलिए यह और भी खतरनाक मामला है। मानव जाति के इन महान व्यक्तियों के नाम पर गलत काम करना एक समाज-विरोधी कार्य है। बैठक में उपस्थित लोगों ने इसका पुरजोर विरोध किया।
सभा ने आम सहमति से निम्नलिखित प्रस्ताव लिए-
1. उक्त लोगों ने आम नागरिकों के खिलाफ जो पुलिस केस और मुकदमे कर रखे हैं, उन्हे वापस लें।
2. दिवंगत शालिनी, जो इनकी संस्था में काम करती थी, जिनकी समय पर इलाज न होने के कारण असामयिक मृत्यु हो गयी, उनकी पिछले दो वर्षों की मेडिकल रिपोर्ट उनके माता-पिता को उपलब्ध कराएं।
3. अंजुलिका, मधुलिका (डी-68, निराजा नगर, लखनऊ), अर्चना, अंजना (515/69, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड, लखनऊ), अंजू (69ए, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड लखनऊ), प्रीति (69बी, बाबा का पुरवा, पेपर मिल रोड, लखनऊ) के मकानों पर से ये अपना अवैध कब्जा तुरंत हटाएं और इससे संबंधित मुकदमों को वापस लें।
4. इनके विश्वासघात से दिवंगत कमला पांडेय, दिवंगत बीडी सक्सेना, दिवंगत शालिनी, दिवंगत विश्वनाथ मिश्र को जो तकलीफ पहुंची है, उसके लिए ये सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें।
5. दिवंगत शालिनी के नाम से जारी तथा अन्य द्वारा लिखित वसीयतनामा, इनका बेहद संवेदनहीन एवं अमानवीय कुकृत्य है। यह एक समर्पित कार्यकर्ता की मृत्यु पर की जाने वाली कुटिल राजनीति है और सभी संवेदनशील नागरिकों का अपमान है। इसके लिए ये सार्वजनिक तौर पर माफी मांगें।
द्वारा-
सत्येन्द्र कुमार, मृदुल कुमार सिंह, बीएस कटियार, अरुणा सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, नवीन सिंह, राम अवतार सिंह खंगार, पुरुषोत्तम शुक्ल, मनोज जोशी, केके शुक्ल, अनमोल, आदियोग, संगीता शर्मा, अंशुमाली शर्मा, राम किशोर, शिवानी, एके सक्सेना, अर्चना सक्सेना, प्रीति सिंह, अंजू खरे, मो. अजीज, विमलेश कुमार शुक्ल, देवी दत्त पांडेय, मो. मसूद, मो. मशहूद, समृद्धि, शिव कुमारी, शैब्या शुक्ला, राजीव कुमार पांडेय, रितेश, राजकुमार दीक्षित, डी.एस. रावल, संजय शर्मा, उर्वशी शर्मा, लता राय, महेश देवा, श्वेता, होमेन्द्र कुमार मिश्रा, ओ.पी. सिन्हा, डॉ. डीबी लाल, ताहिरा हसन, एएच परवेज, एसएस वर्मा, राम कृष्ण, डॉ. नरेश कुमार, केएन शुक्ला, सीएम शुक्ला, केएच सिद्दीकी, श्याम अंकुरम, कौशल किशोर, ब्रह्म नारायण गौड़ आदि।संपर्क:
सत्येन्द्र कुमार
एस-12, नीलगिरी काम्प्लेक्स
फैजाबाद रोड, इंदिरा नगर,
लखनऊ-226016
मो.नं. 09415319070
Devender aur uske 100 flowers (fool) mey se kuch ye hain: सत्येन्द्र कुमार, मृदुल कुमार सिंह, बीएस कटियार, अरुणा सिंह, विनोद कुमार उपाध्याय, नवीन सिंह, राम अवतार सिंह खंगार, पुरुषोत्तम शुक्ल, मनोज जोशी, केके शुक्ल, अनमोल, आदियोग, संगीता शर्मा, अंशुमाली शर्मा, राम किशोर, शिवानी, एके सक्सेना, अर्चना सक्सेना, प्रीति सिंह, अंजू खरे, मो. अजीज, विमलेश कुमार शुक्ल, देवी दत्त पांडेय, मो. मसूद, मो. मशहूद, समृद्धि, शिव कुमारी, शैब्या शुक्ला, राजीव कुमार पांडेय, रितेश, राजकुमार दीक्षित, डी.एस. रावल, संजय शर्मा, उर्वशी शर्मा, लता राय, महेश देवा, श्वेता, होमेन्द्र कुमार मिश्रा, ओ.पी. सिन्हा, डॉ. डीबी लाल, ताहिरा हसन, एएच परवेज, एसएस वर्मा, राम कृष्ण, डॉ. नरेश कुमार, केएन शुक्ला, सीएम शुक्ला, केएच सिद्दीकी, श्याम अंकुरम, कौशल किशोर, ब्रह्म नारायण गौड़ आदि।
जवाब देंहटाएंYe 100 flowers na hai, babu. Tohre blogwa ka url hai: 100flovers.blogspot.in
हटाएंIska full form hua: 100 fool lovers (f lovers) dot blogspot dot in
Par re devenderwa, tohar shaadi karane wale pandit marxit tha ya nahi, ye tu bataya nahi ab tak.
मुकुल जी आपसे अनुरोध है कि सम्बंधित लोगों ने जो सवाल उठाये हैं उस पर बात करें।
जवाब देंहटाएंdevendar partap, hum dusra logan ke sawalo par bhi batiyaunga. Par tu ye batawa ki ye press releasewa hai ki tohar apna bayanwa hai. Aur ye bhi batawa ki agar tune ye press releaswa chhapi hai, toh tu eh mei daage sawalo se sahmat hai ya nahi. Agar tu ense sahmat hai, to hum aage bolunga. Varna moorakh, kapati, ghaagh, dhandhebaaz logo ke sawalo par ka bolna re!
हटाएंDusrwa baat ye ba ki agar tu marxwadi siddhanto ko manat hai, tabhi na tohse e par batiyayenga. Aisa thore na kar sakat hain ki kapti markaswadi se baat kar le. Arre kapti markaswadi ki pol khole ke chahi, usse baat kare ka kono fayda nahi. Toh ab tu hamre sawalo ke jawab de, toh hum tohre sawalo ke jawab de deb.
http://www.janjwar.com/2011-06-03-11-27-02/71-movement/3969-katyayini-shashiprakash-ne-janchetna-ko-banaya-vyavsay
जवाब देंहटाएंhe babu mukul. ab tu etna t murkh nai bata ki tohka larikan jaise samjhawa jay. e ek thu website ka link ahai. uhan aawa sab bat hoi jaii. han abki apni id men aapan ek khubsurat si fotwa jarur lagai liha. tani dekhi to mukul babu kaisan lagat baten.
are han, tu jaune mukul ke nam ke sahara leike unka badnam karai ki koshish karat bata u aajau rudrapur men majduran ke beech sangharsh karat baten.
जवाब देंहटाएंHumko touh tu murakh nahi mana re devenderwa, par tu touh ekdamme bazra-buddhi (maane ki moorakh) nikla re. Are poora hindustaan mey mukul naam ka ekke aadmi ka hai jo rudrapur mey jaane ka-ka karta hai?
जवाब देंहटाएंEk tho baat aur bata ki ye blogwa tohar hai ki tohre guruji (motwa patrakar) ka hai, jo okra link de raha hai? Arre, tohre blogwa mey dekhe toh eha hi na bolenge. Arre, jab kachhu janat hi nahi hai, toh kahe nakal marat hai. Tohse kuch pucho toh dusrwa aadmi ka link deta hai. Hat burbak.
Hamar photu dekh ke ka karega re? Apne motwa guru jaisa ho gaya hai ka tu bhi? (Arre hum bhi ka bol rahe hain, tohke toh uska kissa bhi patwe na hoi.) Ab to markaswaadi pandit ke mantro ke beech fera-wera leke shaadi waadi bhi kar liya hai re, hamar photu dekh ke ka karega?
Achcha chal ye hi bata de ki tohar blogwa padha karein ki chhor dein? Kahe ki tu jawab kono baat ka deta nahi hai, upar se dusrwa aadmi ka link de deta hai?
na na babu parha...khub parha. tohka parhaike bahut jarurat ba... parhai se budhi barhee...
जवाब देंहटाएंछोड़ दो भाई देवेन्द्र भगोड़े को। बड़ी मुस्किल से इसका सादी बियाह हुआ है। अब पंडित फेरा करवा दिए तो का हो गया, कम से कम सादिया तो हो गई। बेरोजगार है बेचारा थोड़ा पंडितई झाड़ लेत है। झाड़े दो भाई कम से कम जिये के कौनो सहारा तो खोज लिया है ई।
जवाब देंहटाएंhan beta shashi prakash ham jaison kee badaulat hi to aaj tum karono men khel rahe ho. isi liye to muh chupaye bhagte ho. nainital, haldwani, rudrapur, allahabad, jaipur, noida, sonipat... gorakhpur men bhi ab namlewa hi bache hain...lucknow men bhi yahi hal hai...janta ke beech jane men gupt rahte ho lekin vishw pustak mele men khuleaam kitaben bechte ho... han lagta hai abhi tak apne aapradhik giroh men logon ranua hi bana kar rakhte ho, tumhari lekhni saf bata rah hai. are bhagte kahan ho...jawab do... बीएस कटियार, केके शुक्ल, अनमोल, आदियोग, अंशुमाली शर्मा, मो. मसूद, मो. मशहूद, राजकुमार दीक्षित, ओ.पी. सिन्हा, डॉ. डीबी लाल, ताहिरा हसन, एएच परवेज, एसएस वर्मा, डॉ. नरेश कुमार, केएन शुक्ला, सीएम शुक्ला, केएच सिद्दीकी, श्याम अंकुरम, कौशल किशोर, ब्रह्म नारायण गौड़ आदि ka lucknow tumse jyada samman hai... mai tumse apne sawalon ka jawab naheen chahta hun. ek apradhik giroh se kya sawal-jawab karna. maine to tumhara pardafash karne ke liye in logon ki press release lagai hai. jawab dena hai to ek bar dekho to tumhare bare men kya-kya sawal uth rahe hain... http://www.janjwar.com/2011-06-03-11-27-02/71-movement/3969-katyayini-shashiprakash-ne-janchetna-ko-banaya-vyavsay
जवाब देंहटाएंe bhai, benaami (anonymous), tu kahe devenderwa ko "bechara" keh raha hai, tohke itni hamdardi ba okre se toh tu hi thori madad kar de, marde. Hum devenderwa ko "bechara" nahi kehta hun. Hum toh okre se jaanne ki koshish kar raha hu ki okri samajh ka hai kranti-wranti ki. Par sasur bolta hi nahi.
जवाब देंहटाएंarre devendarwa, ka parhe re, tu blogwa mey kuchh ka kuchh chep deta hai, aur tohse pucho to dusrwa ka link thama det hai re. Hamara baatwa ka jawaab toh diya nahi, ulta bola ki hum tohra kono bhai mukulwa ka naam apna liya hu. Hum tohra ke samjhane ki koshish kiya ki, re burbak e naam hindustaan mei laakho logan ke ba. Ab tu humko shashi bol raha hai. Ka batiyayei re tohse. chal chhor. laga rah. ehi ko kranti samajh ke khel le. Tohra dil laga rahega. Naukari, biwi, blog-kranti...
Chal, hum chalat hainye. ab kono kaam ka post likhega toh, phir sochenge re. Faaltu kalega kahe jalata hai re. Aur hamar naamwa ka peecha chor de re. ehi naam hai hamra.
का भाई मुकुल काहे नाराज हो रहा है तुम। एके बेचारा न कहे त का कहें। कई जगह से मुंह पिटाकर बेचारा गुपचुप कहीं बईठ के बलागवा चलात है। जब कोई मार्क्सवादी पतित होत है तो का करत है। उही चीज इहो करत है तो करन दे भाई। अब तो एके ऊपर वाले का भी भय नहीं रहा। बाकी रही क्रांति- व्रांति, तो इहसे एका कबो कुछ लेना-देना रहा जो अब रहिए। खैर जौनो हो देवेनेदरवा है बड़ा फन्नी। का कहत हो भाई।
जवाब देंहटाएंkai sal pahle jab maine suna tha ki shashi prakshwa bankar khod raha hai to mujhe koi aashchary naheen hua tha. yah to pahle se hi hila hua raha hai. re mukulwa tune chor ki darhi men tinka wali kahawat to suni hi hogi. chor kee jab choree pakdee gayee to darhee khujane laga. kise parha raha hai re... are tohka agar bat karni hi hai to sanghara kahe dhunrhat hai re. are lucknow se logon ne jo sawal uthayen hain opar bat kar na. are hamka e pata to naahen hai ki tu hi shashi hai, isliye opar ham kuchh n bolab. lekin agar tu rcli ya rahul foundation se juda hai to sun tor neta to purana chor hai re. cut-paste karai men okar kauno jod na ba. ab tu hamse to jhuth naheen n bol. apne neta se mera nam puchh batavega vo. are han pahle to usane marx ke jaise darhi barha rakhi thi, suna hai aajkal usmen kuchh kamee aa gayee hai. Tani puchh ke bataiyo bhaya.
जवाब देंहटाएं-r. pandey
मुझे किसी साथी ने बताया कि इस ब्लाग पर मेरा कोई नामधारी घटिया खेल में लगा है। का. विश्वनाथ मिश्र के निधन पर भी ‘‘जनज्वार’’ में यही हरकत हुई थी। ऐसे खेल कहाँ से संचालित होते हैं और ‘‘भ्रम की चादर फैलाने’’ के माहिरों का पर्दे के पीछे से धंधा संचालित होता है, इसे समझने के लिए और ‘‘स्वनामध्न्य क्रान्तिकारियों’’ नापाक करतूतों का जवाब देने के लिए समय भी खर्च करना फालतू है। ....बस यही कहा जा सकता है कि मेरा भूत आज भी जिन्हें सता रहा है, उनकी हरकतों पर......हा..हा...हा....हा.....हा.........।
जवाब देंहटाएंजहाँ तक रुद्रपुर में मेरे काम का सवाल है, तो यह धंधेबाजों को दिखाने के लिए नहीं है। -मुकुल
जवाब देंहटाएंमिस्टर हमनाम, लगता हैे, .....कोहबर के कजरौटे की कालिख अभी भी बची हुई है!...... अरे मत करो कुकर्मों की अति, मत डालो ‘‘बर्रे के छत्ते में हाथ’’ कहीं इस मुकुल की पोटली खुल गयी, .....तो फिर...?
re naamrashi mukulwa, tu tauh ekdam e aatma-mugdha hai re apne naamwa pe. Jab du aadmi ka naam eke ho tauh okra ke naamrashi bolat hain, samjhe bachwa. Tohri potli mey eke tho cheez tohar hai -- sattu (par wo bhi tohar nahi, churaya hua hai re). re mukulwa, hum to devenderwa se ek-du tho batiya puchhe rahe, par tu apni taarif karne laga. Aur aisa khud ka taarif kiya ki marx baba ka manifestwa mey se marxwaad ko apne naam ke samanarthi bana liya! Arre rudrapurwa mey ashram chala ke kama-kha. Tohri taarifwa ka toh achar bhi na dalega re.
जवाब देंहटाएंahobhagya hamra, re ramnathwa sir 1008 jee. Badi kiripa hui, jo aap es naachiz devenderwa ke blogwa pe aaye. Aapse eke tho sawal hai: lucknow ka logan ke prastav par aap sign nahi kiye? Ajkal likhna-parna bhula gaye hain ka? Angutha hi laga dete! Chalo koi nahi, eha pe aake bol diye wo bhi bari baat hai. Hamri yahi kaamna hai, ki tranquilizer se aapko laabh ho. Bekar e mein depression mey par gaye hai.
Ant mey: aap logan ko hamra vajah ke kast hua, so ab hum eha nahi aayenge. vaise bhi ka kare eha aakar. Tu logan ke blog-bhranti aapeke mubarak.
are wah bankar kee auladon. bankar men chhupe raho. Are shashiywa tu to ekdam hi behya ho gaya hai re. kab tak mukul ka nam lega. Are agr tu koi mukul hai to bata tu kam kya karta hai? Kahan rahta hai? Are kauno pata to hoga. lucknow, gorakhpur, delhi aur pata naheen kahan kahn jameen aur ghar kabja kar rakha hai, jaisa ki lucknow ke sathiyon ne sawal uthaya hai kaheen bhi bula ham milne aayenge aur jin sathiyon ne sawal uthaye hain shayd we bhi milne aawen. tere sare sawalon ka jawab denge. waise achchha hoga ki Sarvjanik taur par aur janta ke beech bat ho. Tu samne to aa. aur ham tose kab dar gaye re jaisan tohar benamee bhagwan bhagt sathi kahta hai. vu ka andhaa hai ka re. Are hamar blogwa hi theek se parha hota to pata chal jata ki ham ka karat hain. Hamar pata phone no. sab mil jata. Are ham tere jaise tanashah aur apradhi naheen hain jo dusare ke vicharon ko dabayen. achchha han ham bhul hi gaya tujhe to desi jaban jyada pasand hai. chal desi men hi jawab dete hain. to sun agr ham tohri dikhayi rah pe chalte to tu jetna bematlab ke bat aur gandagi hamre blog par kare ho u nai hoi pawat. Ham to lagatar tohka i post men uthai gaye sawalan par leyi jat ahi, aur tu idhar-udhar ki bat karat aha. Are behude jaune post ke nichwa tu hamre khatir comment likhat haya vu hamar post to hoi nai. vuhan hamri jindagi k bare men bat karai ka tohar matlab? Agr tohka hamari kauno post par sawal karahin ke raha to hamari postwa pe karte. Lakin tohar irada i nai raha. Tu to sawalan pe bat karhin nai chaht raha. Jaun sawal utha ba u hamar uthawa to hai nai ki ham pahile wohpe boli? Dusar bat moderator hoi ke nate ham kehu ke lekh, press release pe jawab dei I kahan se jariri ba re. imandari to ihai hot ki seedhe onhi logan se bat karta. ihi ke nate ham tohka link dehe rahe. lekin tu vuhan nai gaya. Yani tu soch samajh ke logan ke dhyan bantawai ke khatir hamre blogwa pe aayi raha. Chala aaya to theekai bhai bhai. tu aur nanga hoi gaya. waise bhi ab tohar ihai aukat rahi gayi ba ki hamare jaise patit aadmi ke blog parhat bata. waise ham to chahat bati ki ti ji bhaga. are aapan bat rakha. kahan bhagat bata ho? waise ham to tohka pahile hi batai dehe bati ki ham tohre chehre se pada 'MUKUL'ka nakab hatawai chahat bati. Murakh bahas osi kei jath jeka mani jath ki apan biradar hoi. pratikri au apradhi logan se kaisee bahas re. ab tohka tohri hi bhasha men jawab mili. are yadi tu etna hi imandar haya t sawal kahun utha ho opar bat karta. lekin tu aaj k bhagoda thodo haya. Tohre karykarta Jab-jab tosi sawal uthayen tu bhag let raha. U aadat kaisi jaye. Ab jab fir se sawal uthai lag tu bhagat bata. Teen bar to kahin chukka bata ki jat ahi. Kahen babu sawalan pe bat kara n… are tu ka karba… chal bhag…
जवाब देंहटाएंpriy bhai devendra ji namaskar. mai aapke blog ka niymit pathak hun. aapi post mujhe achchhi lagti hain. khas bat yah hai ki is par aap apne virodhi vicharon wale logon ki posts bhi lagate hain. shayad isi liye aapne apne blog ka nam bhi '100 flowers' rakha hoga. halanki kai bar aisa hua hai ki virodhi (punjiwadi) logon ki aapne post to laga di lekin usaki koi aalochna aapne naheen ki. aisa nahin hona chahie. jahan tak is bar rahul foundation ke bare men lagai gayi post ka mamla hai to lagta hai ise jaree karne wale log bhi pahle kabhi is sangthan se jude the. waise mai bhi yah naheen janta hun ki aap ki is post ke bare men kya rai hai, lekin mujhe is par vichar rakhne ke liye yah jaruri naheen hai ki pahle aap ki ray janun. pathak swatantra hai. mujhe lagta hai ki satyendra kumar aur any logon ne jo sawal uthaye hain wah kafi gambheer sawal hain. jin mukul aur bad men benami mahashay ko is post ke lagte hi mirchi lag gayi unhone abhi tak lucknow ke sathiyon ke sawalon ka koi jawab naheen diya hai. we aapki shadi karwane men gaye kisi 'maxwadi pandit' ko dhurhte rahe. pata nahen shayad unko bhi jarurat ho. baharhal aap bhi unhe unki bhasha men jawab de rahe hain jo kattai achchha naheen hai. bad men aaye sathi mukul ne sahee kaha hai ki aise logon se bat karne ka matlab samay barbad karna hai. pahle mukul ki bhasha dekhkar unko kaun marxwadi manega. wah to koi behad asabhy aadmi lagta hai. mera sujhav hai ki yadi mukul-1 isi tarah ki bhasha aur usi ke anurup bahas chalana chahte hain to aapko bahas ka samapan kae dena chaiye. ek bar fir bata dun ki apne virodhiyon ke vicharon ko jagah jarur deejie, lekin waheen tak jahan tak unse bahas karke janta ki chetna ko unnat kiya ja sake, agar aisa naheen hota hai to bahas nirarthak ho jayegi. kripya 100 flowers ki khusbu bachi rahne den.
जवाब देंहटाएं-dr sumit lko
Mukul ke naam se likhne wala Satyam aur usko dictation dene wala Shashi Prakash , ye to pure lucknow aur sabko pata hai , abki baar Bankar se nikal pana bahut mushkil ............
जवाब देंहटाएंTheek kha apki baar jis Bankar ( D - 68 Nirala Nagar Lucknow) mai thikana banaya hai waha us se nikal pana bahut mushkil hi nahi aasambhav hai , Saddam bhi Bankar mai hi mila tha aur iska bhi walerloo yehi hai isiliye to Satyam ko bhi Lucknow shift kara liya hai , Bahar aayega Lucknow shahar intiyaaz mai hai aur andar kursi ke liye iske khas Ram Babu ya saala Sanjay hi kaam kar denge yeh dono bhi to bahut Mahatawakhanshi hai
जवाब देंहटाएंKa khua Bhai Likhat nahi ho ab Mukul ke namwah se Bankarwah mai bijli gum ho gayil ka , hum udhar se nikle rahey Gatewah ke bahar Satyam ki patni Ruby safai to aisa kara rahi rahey ki makanawah apan ba .........
जवाब देंहटाएं“I am wondering if this group has any civility & morality.
जवाब देंहटाएंIt is a shame that they have no respect for the senior, most honorable & elite group of social activists who had signed the motion in support. It seems evident that they are living in fool’s paradise that they can get away with their scandalous activities…. We live in a civil society & no matter what ever political / bureaucratic connections they might have, they need to understand that we live in a civil society और समाज से ऊपर कोई नहीं है। The day these honorable members of the society come on the road, neither the administration nor the police will be able stop the revolution shaping against these hooligans…. They need to quietly give up their anti-social activities of grabbing properties, looting and misguiding children & youth….before it is too late for them………”
Ram Babu aap humko bahut dino ke baad mile bahut accha laga lekin apki problems ko sun kar hamey koi herani nahi hui, yehi karan hi kafi log Shashi prakash rupi natwarlal aur uske khas Katyayani aur Satyam se alag ho gaye , kushi hai ki ab apki samaj mai bhi aa raha hai , hum apki mansik pareshaniyoh ko samaj sakte hai ek taraf apke Pitaji ka dawav ki unko apna Baba Ka purwa ka makan chahiye doosri taraf aap apne pariwar ke saath bahar rah rahey hai jabki Saxena ji ke makan par Kabja apne kiya police karwaiye aap par hui, Mrs Pandey ke saath bhi yehi hua sab kuch apne organize aur implement kiya aur aaj Shashi prakash apne pariwar ke saath waha chupa hua hai Satyam pariwar ke saath aur aap Bahar hai. Hamey ummed hai jaise ki apne kaha ki aap bhi pareshan ho gaye hai aur ab inka saath jyada din ka nahi hai, Hamari phir se yehi apko salah hai kyoki ab Shashi prakash ka khel khatam ho gaya hai Varan a Katyayani 12 tarik ko Sahityakaro ki meeting se Parcha batate hi bhagti nahi ......... Jaisa apne hamse kha ki D 68 mai galti ho gayi hai aur ab yeh Bal karayakam itidyat ka kuch bhi Samaj ke samney koi pharak nahi padega aur yeh sab matra dikhawa rah gaya hai uske liye yeh registration kholana banner lagana sab matra samaj ke saath chalawa hai. Hum phir aant mai yehi khahege ki aap sab kuch hisab kitab karke bahar nikaliyega aur jitni jaldi ho sake kyoki Shahsi prakash ab Bankar mai phas gaya hai Kaytayani aur Satyam ke saath.
जवाब देंहटाएंaap logon se anurodh hai ki apne nam se tippadee karen. bhai jo galat hai use munh chupana padta hai, aapo aisi kya jarurat hai. baharhal aapne suchna badee tagdee dee hai. -devendra
जवाब देंहटाएंInke kilaf hamari muhih ko sun kar kal mujhe inke apradh jagat ka pratham bhugth bhogi Amrut Lal Pandeyji Sultanpur se milnaney aiye, tumne to us sharif insan ka 20 saal pahley makan bhi bikwa kar sara paisa hadap liya aur usko aur uske pariwar ko sadak par la diya yaha tak ki woh garib aadmi mansik Rogi tak ho gaya. lekin duniya mai sab ek jaise nahi hai kuch acchey logo ki madat se Pandeyji theek hokar aaj Sulatanpur mai parchun ki dukan chala kar apna aur apne pariwar ka jeewan yapan kar rahey hai , Teri to list bahut lambi hai lekin sabko insaaf jaldi milega kyoki tera khel ab sadak par le aiye hai hum , Gaddafi aakhari mai sewar line ke pipe mai mila tha aur suna hai us samay Raham raham bol raha tha RE !!!!
जवाब देंहटाएंArey Murkh aasamajik Shashi Prakash tune aur tere sathiyo ( Katyayani/ Satyam/ Ram Babu) ne kya socha ki Bus ko kale rang se putwa kar chup chap Satendra ji ke darwajey kadhi kar ke bhag jayega to teri kalik mit jayegi , dekh yeh to samajik logo ke dabav ki pehli jeet hai , lekin ek baat hai tum log apni chori ki adat nahi bhule KHA HAI GENERATOR jo Bus mai tha , choti moti tumhari chori to agey batayenge. Jo kala paint tune Bus par lagwaya hai woh apne pass rakhna Bahut jaldi wahi paint tere aur tere khasamkhas ke kaam ayega jab tere ko Bunker se nikal kar pure Lucknow shahar mai gumanyenge.
जवाब देंहटाएंTune Vakil ka notice le liye bahut accha kiya kha hai Medical report, Shalini ka saman , Kab D 68 aur 69 Baba ka purwa khali kar raha hai ?
Ab to khas tor se pura Nirala Nagar/ Nishatganj aura Lucknow shahar tere aur tere baki teen sathiyo ke baarey mai jaan hi gaya hai Kyoki Lucknow ke visith saamajik logo dwaro hustasharith Prastao ko padh kar…………ghar ghar bata hai who dastavej ……………….. tere yaha bhi to dalwaya tha……..
Arey Shashi Prakash yeh apne chele Satyam ko kuch acchi seekh de ki ja kar apni buddhi bimar Maa se mil kar aaye , waise tum logo mai manavta hai nahi phir bhi ………………..
चलो भगोडों के पास वैन भी आ गई अब तब इनकी क्रान्ति जल्दी ही हो जाएगी वैसे सभी भगोडों से निवदेन है क्रान्ित में अपने घोसलों के साथ उतरना । और जल्द से जल्द क्रान्ति के प्रयोग के लिए जमीनी काम शुरू कर देना।
जवाब देंहटाएं''अखिल भारतीय भगोडा पार्टी जिन्दाबाद''।।
एलजीबीटी का संघर्ष जिन्दाबाद
This is the real face of those engaged in stalinist and maoist politics. Comrades turn your back upon these traders of revolution. Turn to WSP, turn to lessons of October. Check us at: new-wave-nw.blogspot.com
जवाब देंहटाएंhave a look at this : http://new-wave-nw.blogspot.in/2013/06/blog-post_4742.html
जवाब देंहटाएंदोस्तों इस स्टालिन-माओवादी दलदल से निकलकर क्रांति के सच्चे पथ पर आगे बढ़ो...वर्कर्स सोशलिस्ट पार्टी की तरफ मुड़ो, क्रान्तिकारी मार्क्सवाद की तरफ मुड़ो....
जवाब देंहटाएंor bhagodo aajkal kya kar rahe ho ...dukandaari kaisi chal rahi he... har kutte ka ek din aata he ...isi lye itna kud rahe ho lekin gidad ki maut ke bare me bhi tumne suna hoga.......
जवाब देंहटाएंशशि प्रकाश तो तुम अब मौत की धमकी भी देने लगे। कम से कम इतना साहस तो दिखाओ कि यह धमकी सामने आकर और अपने नाम से दो। एक बार तुम्हारे लोगों ने मुझे नोएडा में जान से मरने का प्लान किया था। उनके पास से पुलिस ने लोहे की राड भी बरामद की थी। हमने तुम्हारे गलत कामों को बेनकाब किया तो तुम जान से मारने की धमकी देने लगे! इसका मतलब जो लोग तुमको अपराधी कहते हैं सही ही कहते हैं।
जवाब देंहटाएं