शनिवार, 18 मार्च 2017

13 साथियों को उम्रकैद की सजा पर मजदूरों में गुस्सा

कार बनाने वाली कंपनी मारुति सुजुकी के मानेसर प्लांट में 18 जुलाई 2012 को हुई आगजनी और हिंसा मामले में अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश आरपी गोयल की अदालत ने शनिवार को 13 मजदूरों को उम्रकैद व चार को पांच-पांच वर्ष सजा की सजा सुनाई। 14 लोगों को अब तक जेल में काटी गई सजा को ही पर्याप्त मानते हुए रिहा करने के आदेश दिए गए हैं। 10 मार्च को जिला अदालत ने 148 में से 31 मजदूरों को दोषी करार दिया था जबकि 117 को बरी कर दिया था। दोषियों की सजा पर फैसला शुक्रवार को होना था, लेकिन सजा को लेकर दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की ओर से दलीलें सुनने के बाद अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। धारा 302, 307, 436, 427, 325, 323, 452, 201, 120 बी और 34 के तहत राम मेहर, संदीप ढिल्लों, रामबिलास, सर्वजीत सिंह, पवन कुमार, सोहन कुमार, प्रदीप गुर्जर, अजमेर सिंह, जियालाल, सुरेश कुमार, अमरजीत, धनराज भांबी, योगेश कुमार। इनमें से 12 लोग यूनियन पदाधिकारी थे जबकि जियालाल यूनियन से बाहर था। धारा 323,325,452,147,148,149 के तहत रामशबद, इकबाल सिंह, जोगिंद्र सिंह, प्रदीप को पांच वर्ष की कैद। धारा 323,325,427,148,149 के तहत दोषी विजयपाल, आनंद, विशाल भारत, सुनील कुमार, प्रवीन कुमार, कृष्ण लंगड़ा, विरेंद्र सिंह, हरमिंदर सिंह सैनी, कृष्ण कुमार, शिवाजी, नवीन, सुरेंद्र पाल, प्रदीप कुमार, नवीन को अब तक काटी गई सजा के आधार पर रिहा करने के आदेश। गौरतलब है कि 18 जुलाई 2012 को श्रमिकों के प्रदर्शन के दौरान हुई आगजनी और हिंसा में मारुति सुजुकी के जनरल मैनेजर (एचआर) अवनीश देव की आग में जलने से मौत हो गई थी। हिंसा में करीब 100 लोग घायल भी हुए थे। 18 जुलाई को हड़ताल के दौरान हिंसा के आरोप में 148 कर्मचारियों को गिरफ्तार किया गया था। गुरुग्राम अदालत द्वारा 18 जुलाई, 2012 की हिंसा मामले में कंपनी के 13 कर्मचारियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाए जाने विरोध में कर्मचारियों ने टूल डाउन का निर्णय लिया। मारुति के सभी छह प्लांटों में शनिवार रात 9 से रात 10 बजे तक टूल डाउन (काम बिल्कुल ठप) रहा। अदालत द्वारा सजा की घोषण के बाद श्रमिकों ने लघु सचिवालय परिसर स्थित पार्क में एक बैठक की। इसमें गुरुग्राम, मानेसर, बावल, धारूहेड़ा व नीमराणा तक के श्रमिक यूनियन के लोगों ने सर्वसम्मति से टूल डाउन का निर्णय लिया। कर्मचारी यूनियनों द्वारा बैठक के दौरान अदालत के निर्णय के विरोध में रोष जताया गया। मारुति उद्योग कामगार यूनियन के महासचिव कुलदीप जांघू ने कहा कि टूल डाउन का निर्णय बैठक में शामिल लोगों ने एकमत होकर लिया है। सभी शांतिपूर्ण ढंग से काम को एक घंटे तक पूरी तरह से बंद रखा। सीटू के प्रदेश अध्यक्ष सतबीर सिंह ने कहा कि श्रमिकों के साथ बड़ा अन्याय हुआ है। ठोस सबूत नहीं होने के बाद भी आजीवन कारावास जैसी सजा काफी हैरान करने वाली है। इसके खिलाफ हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक की लड़ाई लड़ी जाएगी। एटक के जिला महामंत्री ने कहा कि श्रमिक अपनी लड़ाई लोकतांत्रिक ढंग से लड़ेंगे। मारुति के मानेसर और उद्योग विहार प्लांट में एक घंटे के टूल डाउन से करीब 400 कारों का उत्पादन प्रभावित हुआ। मारुति के जिन प्लांटों में एक घंटा टूल डाउन रहे, उसमें मारुति का मानेसर प्लांट, उद्योग विहार प्लांट, मारुति पावर ट्रेन, सुजुकी मोटरसाइकिल, वेलसोनिका व एमएमआई ऑटोकंपोनेंट के नाम शामिल हैं।

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