शुक्रवार, 3 नवंबर 2017

हिमाचल प्रदेश के चुनाव में भी आम जनता के बीच से कोई उम्मीदवार नहीं, सभी करोड़पति

          देवेंद्र प्रताप।     

हिमाचल प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफार्म्स ने हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 में चुनाव लड़ने वाले सभी 338 उम्मीदवारों के शपथ पत्रों का विश्लेषण किया है। चुनाव मैदान में उतरे कुल उम्मीदवारों में से 61 यानी 18 प्रतिशत प्रत्याशियों ने अपने ऊपर आपराधिक मामले दर्ज होने के बारे में चुनाव आयोग के बारे में हलफनामा दिया है। 31 उम्मीदवारों यानी 9 प्रतिशत पर गंभीर आपराधिक मामलों से संबंधित केस दर्ज हैं। कुल उम्मीदवारों में से 158 उम्मीदवार यानी लगभग 47 प्रतिशत करोड़पति हैं। अन्य राज्यों की तरह हिमाचल विधानसभा चुनाव में भी करोड़पति उम्मीदवारों की कमी नहीं है। हिमाचल विधानसभा का चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों की औसत संपत्ति चार करोड़ से ज्यादा है। यानी यहां भी सही मायने में आम जनता के बीच का कोई आदमी नहीं है, जो विधानसभा में जाकर उसके दुख-दर्द को कम करने के काम करेंगे। इस बार के हिमाचल विधानसभा चुनाव में उतर रहे कांग्रेस के 68 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 8 करोड़ से ज्यादा, जबकि भाजपा के 68 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 5 करोड़ से ज्यादा है। बसपा के 42 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 46 लाख से ज्यादा है, जबकि सीपीएम के 14 उम्मीदवारों की औसत संपत्ति 2 करोड़ से ज्यादा है। अन्य स्‍थानीय दलों की भी औसत संपत्ति एक करोड़ से कुछ ही कम है। आज तो आम मतदाता भी समझता है कि चुनाव आयोग को बताई जाने वाली संपत्ति और वास्तविक संपत्ति में जमीन आसमान का अंतर होता है। बहरहाल कयास लगाने के बजाय यदि इन उम्मदवारों के हलफनामे पर ही भरोसा किया जाए, तो एक बार फिर से हिमाचल प्रदेश की जनता को करोड़पति उम्मीवारों में से किसी को अपना वोट देना होगा।
हिमाचल विधानसभा का चुनाव लड़ने के लिए मैदान में उतरे 338 उम्मीदवारों में से 61 (18 प्रतिशत) ने अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें से 31 यानी 9 प्रतिशत उम्मीदवारों ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले दर्ज होने के बारे में जानकारी दी है।
चुनाव में उतरी बड़ी पार्टियों में से सभी पर आपराधिक मामले दर्ज हैं। कांग्रेस के 68 में से 6 यानी 9 प्रतिशत, भाजपा के 68 में से 23 यानी 34 प्रतिशत, बसपा के 42 में से 3 यानी 7 प्रतिशत, सीपीएम के 14 में से 10 यानी 71 प्रतिशत जबकि 112 में से 16 यानी 14 प्रतिशत निर्दलीय उम्मीदवारों ने भी अपने ऊपर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। जहां तक गंभीर आपराधिक मामलों की बात है कांग्रेस के 68 में से 3 यानी 4 प्रतिशत, भाजपा के 68 में से 9 यानी 13 प्रतिशत, बसपा के 42 में से 2 यानी 5 प्रतिशत, सीपीएम के 14 में से 9 यानी 64 प्रतिशत और 112 निर्दलीय उम्मीदवारों में से 6 यानी 5 प्रतिशत ने अपने ऊपर गंभीर आपराधिक मामले घोषित किए हैं। इनमें हत्या, हत्या के प्रयास और अपहरण जैसे मामले शामिल हैं।
यदि लोकतंत्र में करोड़पति व्यक्ति चुनाव लड़कर विधानसभा में बैठेगा तो वह आम आदमी की बात कैसे करेगा। क्या उसका महात्मा बुद्ध की तरह लोगों की गरीबी देखकर दिल बदल जाएगा। फिलहाल हमारे देश में संसद और विधानसभा चुनावों का इतिहास तो ऐसा नहीं बताता है। जहां तक हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव की बात है तो इस बार (2017) चुनाव लड़ने उतर रहे 338 में से 158 यानी 47 प्रतिशत करोड़पति उम्मीदवार हैं। बाकी जो बचे हैं, उनमें से भी ज्यादातर करोड़पति बनने के करीब हैं। कुछ हजार में संपत्ति के मालिक बहुत कम हैं। इस बार के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के 68 में से 59 (87 प्रतिशत), भाजपा के 68 में से 47 (69 प्रतिशत), बसपा के 42 में से 6 (14 प्रतिशत), सीपीएम के 14 में से 3 (21 प्रतिशत), सीपीआई के 3 में से 1 (33 प्रतिशत) और 112 में से 36 (32 प्रतिशत) उम्मीदवार करोड़पति हैं। इनकी घोषित संपत्ति 1 करोड़ से ज़्यादा है। वहीं, हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनाव में एक बार फिर से सभी पार्टियों ने महिलाओं को अपना उम्मीदवार बनाने से परहेज की किया है। यही वजह है कि इस बार के प्रदेश विधानसभा चुनाव में कुल 19 यानी महज 6 प्रतिशत महिला उम्मीदवार ही चुनाव लड़ रही हैं।

25 करोड़ से ज्यादा संपत्ति वाले शीर्ष 10 उम्मीदवार, सबसे शीर्ष पर (+90 करोड़) भाजपा के वीरभद्र सिंह

इस बार के हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में शिमला के रहने वाले भाजपा प्रत्याशी बरवीर सिंह वर्मा जो चोपाल विधानसभा सीट से मैदान में उतर रहे हैं, उन्होंने चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामे में अपनी संपत्ति 90 करोड़ से ज्यादा बताई है। इसके बाद दूसरे नंबर पर शिमला के ही कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य सिंह हैं, जिनकी संपत्ति +84 करोड़ है। वे शिमला ग्रामीण सीट से ताल ठोकेंगे। तीसरे नंबर पर कांगड़ा के रहने वाले आईएलडी प्रत्याशी डॉ. राजेश शर्मा हैं, जिनकी संपत्ति +74 करोड़ है। शिमला के ही रहने वाले आईएनडी प्रत्याशी देवराज भारद्वाज जो कसुमपति से चुनाव लड़ रहे हैं, उन्होंने अपनी संपत्ति +65 करोड़ बताई है। इसी तरह कांगड़ा निवासी जीएस बाली जो कांग्रेस की तरफ से नगरोटा सीट से चुनाव मैदान में हैं, उनकी संपत्ति +44 करोड़ है। हमीरपुर के रहने वाले आईएनडी के प्रत्याशी लेखराज जो नादौन सीट से चुनाव मैदान में हैं, उनकी संपत्ति +40 करोड़ है। सोलन के रहने वाले रामकुमार कांग्रेस के प्रत्याशी हैं, जिनकी संपत्ति +40 करोड़ है। भंडी के रहने वाले अनिल शर्मा बीजेपी की तरफ से मंडी विधानसभा सीट पर ताल ठोकेंगे, जिनकी संपत्ति +30 करोड़ है। सोलन के रहने वाले कांग्रेस के प्रत्याशी अर्की विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगे, जिन्होंने चुनाव आयोग को अपनी कुल संपत्ति +30 करोड़ बताई है। शिमला के रहने वाले कांग्रेस के प्रत्याशी रोहित ठाकुर इस बार जुब्बलकोट खाई से चुनाव मैदान में हैं। इन्होंने चुनाव आयोग में दाखिल हलफनामें में अपनी कुल संपत्ति +27 करोड़ बताई है। 

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