जम्मू कश्मीर में सेवाओं का बुरा हाल है। इंटरनेशनल बार्डर और एलओसी से सटे ज्यादातर इलाकों में डाक्टर नहीं है और सरकार जम्मू कश्मीर के नाम पर राष्ट्रवाद का खेल खेलती है। हालत यह है कि ऐसे इलाकों स्वास्थ्य कर्मी, फार्मासिस्ट डाक्टर बन कर लोगों का इलाज करते हैं। हद तो तब हो गई जब पिछले दिनों महानपुर पीएचसी में रात को ड्यूटी पर तैनात एक सीनियर फार्मासिस्ट शराब के नशे में चूर मिला। तहसील व्यापार मंडल प्रधान सोनू गुप्ता के साथ एक महिला अपने बच्चे के उपचार के लिए वहां पहुंची थी। उन्होंने कर्मचारी से बच्चे को देखने के िलए कहा, लेकिन वह इतना ज्यादा नशे में था कि उससे उठा भी नहीं जा रहा था। ऐसे में उनको बच्चे के उपचार के िलए बिलावर जाना पड़ा।
व्यापार मंडल प्रधान सोनू गुप्ता ने बताया कि वे अजय मेहरा की पत्नी के साथ बच्चे को दिखाने महानपुर में स्थित पीएचसी गए थे। उन्होंने वहां पर देखा कि रात की ड्यूटी दे रहे सीनियर फार्मासिस्ट ने जमकर शराब पी रखी थी। उन्होंने उससे आग्रह किया कि वह बच्चे को देखे, लेकिन उसने उनकी कुछ नहीं सुनी। इससे उनके साथ आए लोगों का गुस्सा बढ़ गया। बहुत ज्यादा शराब पीने से सीनियर फार्मासिस्ट से खड़ा भी नहीं हुआ जा रहा था। जानकारी के मुताबिक बच्चे के पैर में किस चीज से कट गया था। यह मालूम नहीं पड़ रहा था कि किससे उससे चोट लगी है या किसी जीव ने काटा है। ऐसे में महिला कुछ लोगों के साथ पीएचसी पहुंची थी। वहां डॉक्टर मौजूद नहीं था। ट्रामा अस्पताल की हालत वैसे ही खराब है। ऐसे में उनको बच्चे को बिलावर उप जिला अस्पताल ले जाना पड़ा, जहां पर उसका उपचार चल रहा है। लोगों ने स्वास्थ्य विभाग के उच्च अधिकारियों से इस मामले में संबंधित कर्मचारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। बाद मेें इस कर्ममचारी निलंबित कर दिया गया, लेकिन पीएचसी मेें डाक्टर नहीं तैैैनात किया गया।
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