आजकल पूरी दुनिया में अपने हकों के लिए लड़ने वाले लोगों की आवाज मीडिया में नक्कारखाने में तूती ही साबित हो रही है। इजरायल के मामले में भी अमेरिका परस्त मीडिया कुछ ऐसी ही भूमिका निभा रहा है। वहां आए दिन इजरायली कब्जे वाले इलाके से इजरायली सैनिक फिलिस्तीन के कसबों पर गोलीबारी कर लोगों की जान लेते रहते हैं, लेकिन ये खबरें मीडिया की कभी सुर्खियां नहीं बनती हैं। अभी पिछले दिनों भी इजरायली सैनिकों ने फिलिस्तीन में भयंकर गोलाबारी की जिसमें दो युवकों की जान चली गई। इजरायल ने इन इलाकों में लोगों की जान लेने के लिए बाकायदे स्नाइपल शूटर्स तैनात कर रखे हैं, जिनकी हर गोली पर किसी की जान ले लेती है या अपाहिज बना देती है।
अमेरिकी के पश्चिम एशिया मामलों के राजदूत जेसन ग्रीनब्लैट और इजरायल में राजदूत फ्रीडमैन पिछले दिनों जिस समय रामल्ला में फिलिस्तीनी शासकों के साथ मुलाकात कर रहे थे, इजरायली कब्जे वाले इलाकों में तैनात उसकी सेना जेनिन में गोले बरसा रही थी। इस बार फिर इजरायली सैनिकों ने गोलीबारी में 17 साल के युवक सलामेह और 20 साल के साद सलाह की जान ले ली, जबकि स्नाइपर शॉट में (निशाना लगाकर गोली मारना) 13 साल की जेरूसलम की किशोरी नूर हमदान को अपनी आंख गंवानी पड़ी। इसी दिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने संसद में एक ऐसा बिल पेश किया, जिसके लागू होने से इजरायली अपने देश के नागरिक से ज्यादा यहूदी हो जाएंगे। इसके बाद फिलिस्तीनियों के साथ इजरायल के टकराव और बढ़ने तय हैं।
अमेरिकी के पश्चिम एशिया मामलों के राजदूत जेसन ग्रीनब्लैट और इजरायल में राजदूत फ्रीडमैन पिछले दिनों जिस समय रामल्ला में फिलिस्तीनी शासकों के साथ मुलाकात कर रहे थे, इजरायली कब्जे वाले इलाकों में तैनात उसकी सेना जेनिन में गोले बरसा रही थी। इस बार फिर इजरायली सैनिकों ने गोलीबारी में 17 साल के युवक सलामेह और 20 साल के साद सलाह की जान ले ली, जबकि स्नाइपर शॉट में (निशाना लगाकर गोली मारना) 13 साल की जेरूसलम की किशोरी नूर हमदान को अपनी आंख गंवानी पड़ी। इसी दिन इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतनयाहू ने संसद में एक ऐसा बिल पेश किया, जिसके लागू होने से इजरायली अपने देश के नागरिक से ज्यादा यहूदी हो जाएंगे। इसके बाद फिलिस्तीनियों के साथ इजरायल के टकराव और बढ़ने तय हैं।
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