रविवार, 3 अप्रैल 2011

तारीख के हवाले से मिस्र की गवाही

मिस्र में 18 दिनों के जनांदोलन ने 30 साल सत्ता पर काबिज रहे होस्नी मुबारक की रवानगी की इबारत लिखी. तारीख दर तारीख कैसे घटी ए घटनाएं, डालते हैं एक नजर.
25 जनवरी 2011: (पहला दिन) मिस्र की पुलिस के राष्ट्रिय अवकाश का दिन. हजारों की संख्या में लोग तहरीर चौक में जमा, आंसू गैस छोड़ कर प्रदर्शनकारियों पर काबू करने की कोशिश की गई.
26 जनवरी 2011: (दूसरा दिन) सरकार ने प्रदर्शनों पर रोक लगाई. सोशल नेटवर्किंग साइट्स और फेसबुक भी प्रतिबंधित लेकिन नहीं रुके प्रदर्शन.
27 जनवरी 2011: (तीसरा दिन) नोबल शांति पुरस्कार विजेता और मिस्र के प्रमुख विपक्षी नेता अलबारादाई मिस्र वापस लौटे.
28 जनवरी 2011: (चौथा दिन) इंटरनेट और मोबाइल सुविधाओं पर रोक. सेना के टैंक सड़कों पर उतरे.
29 जनवरी 2011: (पांचवा दिन) प्रदर्शन तेज हुए, कई लोगों की मौत. मुबारक ने जनता के गुस्से को काबू करने की कोशिशें कीं.
30 जनवरी 2011: (छठा दिन) भारी संख्या में विदेशियों और पर्यटकों ने मिस्र को छोड़ा.
31 जनवरी 2011: (सातवां दिन) सेना ने कहा प्रदर्शनकारियों पर बल का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा. अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का वादा किया.
1 फरवरी 2011: (आठवां दिन) सेना के विश्वास पर लाखों लोग सड़कों पर उतरे. मुबारक ने विपक्ष से बातचीत की पेशकश की.
2 फरवरी 2011: (नवां दिन) मुबारक के समर्थक भी सड़कों पर उतरे. जगह-जगह झड़पें और हिंसा. अर्थव्यवस्था चरमराई.
3 फरवरी 2011: (दसवां दिन) तहरीर चौक पहुंची विदेशी मीडिया पर हमले. सरकार पर सुनियोजित हमले कराने के आरोप लगे.
4 फरवरी 2011: (ग्यारहवां दिन) अमरीका के राष्ट्रपति बराक ओबामा ने अपने पुराने मित्र मुबारक को सत्ता छोड़ने के कड़े संदेश दिए.
5 फरवरी 2011: (बारहवां दिन) मुबारक ने अपने बेटे सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं को पद से हटाया, लेकिन सत्ता छोड़ने से इंकार किया.
6 फरवरी 2011: (तेहरवां दिन) प्रतिबंधित संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड सहित प्रदर्शनकारियों के प्रतिनिधियों से सरकार ने बातचीत की.
7 फरवरी 2011: (चौदहवां दिन) इंटरनेट के जरिए प्रदर्शनकारियों को एकजुट करने में अहम भूमिका निभाने वाले गूगल के अधिकारी वेल घोनिन को रिहा किया गया.
8 फरवरी 2011: (पंद्रहवां दिन) विदेशी और यूरोपीय देशों के साथ मुबारक के रिश्तों पर चर्चा गर्म हुई. अमरीका पर भी निशाना साधा गया.
9 फरवरी 2011: (सोलहवां दिन) मिस्र में तनाव के बीच अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेल की कीमतें बढ़Þीं. अर्थव्यवस्था को लेकर चिंता बढ़Þी लेकिन प्रदर्शनकारी तहरीर चौक पर डटे रहे.
10 फरवरी 2011: (सत्रहवां दिन) मिस्र के घटनाक्रम को देखते हुए सेना और नेताओं ने कयास लगाए कि मुबारक जल्द इस्तीफा देंगे, लेकिन मुबारक की घोषणा कि वो बनें रहेंगे.
12 फरवरी 2011: (अट्ठारवां दिन) घोषणा के बाद उमड़े जन सैलाब के आगे मुबारक झुके और सेना ने देश की कमान संभाली.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें